7th Pay Commission Salary Calculator from July 2019
Union Cabinet approves additional 5 percent Dearness Allowance for Central Government Employees and Dearness Relief to pensioners with effect from 1st July 2019.
Dearness Allowance payable to Central Government employees shall be enhanced from the existing rate of 12% to 17% of the basic pay with effect from 1st July, 2019.
Transport Allowance, Dearness Allowance and Total Salary will also change based on the 17 percent dearness allowance.
Check the updated 7th CPC Salary Calculator from July 2019 for Revised Pay & Allowances.
Transport Allowance from July 2019
7th Pay Commission Salary Calculator 2019
Also Check : Pay Matrix
There are people who haven’t even got the payment according to the 7th PC like the Sweepers even though they are all govt employees like municipal corporation. The governments Swatch Bharat Abhyan is going on because of them mostly. Their feets are washed for a photo opp for votes and neglected after elections.
Q क्या इसका फायदा कॉन्ट्रैक्ट या संविदा स्टाफ को भी होगा ।
और जैसे कि सरकार ने समान काम समान वेतन का कानून लाया है, तो क्या भविश्य में उनको नियमित या रेगुलर होने की भी कोई संभावना है
If petrol increases by Rs one it effects everyone equally than why DA differs for? It should be equal for all.
There shouldn’t be any difference in allowances .However basic slab of salary is high.
Sir D.A. bhi sabhi ko equal milna chahiye
सरकार खुद अमीरी गरीबी का खेल खेल रहे हैं। चुनाव के समय अमीरी-गरीबी की खाई पाटने का नारा देते हैं। मैं पुछता हुं कि क्या नेता और बड़े-बड़े अधिकारी खाना खाते हैं।करता गरीब आम जनता खाना नहीं खाते हैं।हर समय नेता और अधिकारी को ही ज्यादा वेतन किस लिए।उनका घर, बिजली, पानी , कहीं की भी यात्रा, फोन मुफ्त और भत्ता भी कोई कम नहीं। फिर किस बात के लिए उनका वेतन औरों से अधिक होता है।
आप ने बिलकुल ठीक कहा है l सरकार की यह व्यवस्था गलत है l इसको बदलना बहुत जरुरी है
Aap ka yeh sooch zabardast hai. Isme koi doo rai nhi hai par govt. ki sooch ko badalna hoga. Mai khud A 1 city me that hu.
उच्च शहर एवं अन्य शहरों में डीजल व पट्रोल की कीमत में अंतर है क्या, यदि नहीं तो फिर tpta में अंतर क्यों।
क्या बाजार भाव में भी अलग अलग दर है जो अधिकारी के लिए महंगा और छोटे कर्मचारी के लिए सस्ता। यदि नहीं तो फिर छोटे कर्मचारी को 900 और अधिकारी को 12500 की महंगाई भत्ता क्यों। क्या ऐसी ब्यवस्था ठीक है?
आपका प्रश्न उचित है।यह सरकारी व्यवस्था पर प्रश्न चिह्न अंकित करता है।
Yeh thick nahi hai sub employee ko braber milna chahiye
ये गणना % के हिसाब से है
कितना भी कम या ज्यादा से कुछ अंतर नहीं पड़ने वाला। जो adhikari है उसे तो ज्यादा मिलेगा ही
यह सरासर नाइंसाफी है।सर
महानगरों दिल्ली, मुंबई आदि में किसी व्यक्ति को अपने निवास से कार्यस्थल पहुंचने में 40 से पचास किलोमीटर (और अधिक भी) तक की औसत दूरी तय करना पड़ता है। वहीं मंझोले नगरों में 15 से 10 किलोमीटर तक। छोटे नगरों में 2से 5 किमी तक। यही कारण है कि नगरों के हिसाब से परिवहन भत्ता अलग अलग है।
Why crying. Classifications are according to selection basis. How one peon can compare with IAS. So those who top the top services be benefited more. There is no question of dissimilarity.