Employees Provident Fund Organisation (EPFO), an statutory body under Union Ministry of Labour & Employment has processed about 1.37 lakh claims across the country disbursing an amount of Rs. 279.65 crore under a new provision especially formulated by amending the EPF Scheme to help subscribers fight Covid-19. The remittances of the moneys has already started taking place. The system as it stands today is processing all applications which are fully KYC compliant within less than 72 hours. Members, who have applied for claims in some other category, can also file claim to fight pandemic and depending upon the KYC compliance condition of each member, every effort is being made to settle claims at the earliest.
The provision for a special withdrawal from the EPF Scheme to fight Covid-19 pandemic is part of the PMGKY scheme announced by the government and an urgent notification on the matter was made to introduce a para 68 L (3) of the EPF Scheme on 28th March 2020. Under this provision non-refundable withdrawal to the extent of the basic wages and dearness allowances for three months or up to 75% of the amount standing to member’s credit in the EPF account, whichever is less, is provided. The member can apply for lesser amount also. This, being an advance, does not attract income tax deductions.
Anticipating the huge surge in the demand, EPFO came out with acompletely new software which has been developed from scratch and a receipt module for on-line receipt of the claims was introduced within 24 hours and deployed on 29th March 2020. Further, the application was required to be in paperless form to curtail any physical movement in view of social distancing. It was decided to introduce a system of settling claims in auto mode directly by the system in respect of all such members whose KYC requirements was complete in all respects.
The COVID-19 pandemic has posed a serious threat and considering dire need of money in these trying times, it has been decided to process advance to fight COVID-19 pandemic on top priority.
Claims for availing advance to fight pandemic are filed online, necessitating every EPF account to be KYC complaint as pre-cursor. EPFO has relaxed date of birth correction criteria to ease KYC compliance enabling submission of claim to fight pandemic online. EPFO would accept the date of birth recorded in the Aadhaar card of a subscriber as a valid proof for rectification of the date of birth in PF records. All cases with variation in date of birth up to three years are now being accepted by EPFO.
ईपीएफओ ने कोविड-19 से लड़ने के लिए 10 दिनों के भीतर 1.37 लाख निकासी दावे निपटाये
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के तहत एक सांविधिक निकाय, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने कोविड-19 से लड़ने में अभिदाताओं की सहायता के लिए ईपीएफ स्कीम में संशोधन करने के द्वारा विशेष रूप से बनाये गए एक प्रावधान के तहत 279.65 करोड़ की राशि वितरित करते हुए देश भर में लगभग 1.37 लाख दावों का निपटारा किया है। धन का प्रेषण भी पहले ही आरंभ हो चुका है। वर्तमान में यह प्रणाली 72 घंटों के भीतर उन सभी आवदनों का संसाधन कर रही है जो पूरी तरह केवाईसी की शर्तें पूरी करते हैं। जिन सदस्यों ने दावों के लिए किसी अन्य वर्ग में आवेदन किया है, वे भी महामरी से लड़ने के लिए अपने दावे प्रस्तुत कर सकते हैं और प्रत्येक सदस्य की केवाईसी स्थिति के अनुरूप, उनके दावों को जल्द से जल्द निपटाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए ईपीएफ स्कीम से विशेष निकासी का प्रावधान सरकार द्वारा घोषित पीएमजीकेवाई योजना का एक हिस्सा है और इस मामले में 28 मार्च, 2020 को ईपीएफ स्कीम के एक पैरा एल (3) का सूत्रपात करने के लिए तत्काल एक अधिसूचना जारी की गई। इस प्रावधान के तहत, तीन महीने के लिए मूल वेतन एवं महंगाई भत्ते की एक सीमा तक गैर-वापसी योग्य निकासी या ईपीएफ खाते में सदस्य के क्रेडिट में जमा राशि के 75 प्रतिशत तक की रकम, जो भी कम हो, प्रदान की जाती है। सदस्य कम राशि के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। अग्रिम होने के कारण, इस पर आयकर कटौती नहीं की जाती।
मांग में भारत उछान का पूर्वानुमान लगाते हुए, ईपीएफओ ने एक बिल्कुल नया साफ्टवेयर प्रस्तुत किया जिसे आकस्मिक रूप से विकसित किया गया है और दावों की आन लाइन प्राप्ति के लिए एक रिसीट माड्यूल को 24 घंटों के भीतर पेश कर दिया गया एवं 29 मार्च, 2020 को इसे तैनात कर दिया गया। इसके अतिरिक्त, सोशल डिस्टैंसिंग को ध्यान में रखते हुए किसी शारीरिक आवाजाही में कमी करने के लिए आवेदन को पेपरलेस प्रारूप में करने की आवश्यकता थी। फैसला किया गया कि ऐसे सभी सदस्यों के संबंध में, जिनकी केवाईसी आवश्यकताएं हर प्रकार से पूर्ण हों, सिस्टम द्वारा प्रत्यक्ष रूप से आटो मोड में दावों के निपटान की प्रणाली विकसित की जाए।
कोविड 19 महामारी ने एक गंभीर खतरा उत्पन्न कर दिया है और इस चुनौतीपूर्ण समय में धन की महत्ती आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए तथा कोविड 19 महामारी से लड़ने को शीर्ष प्राथमिकता देते हुुए इसे अग्रिम रूप से ही संसाधित करने का फैसला किया गया।
महामारी से लड़ने के लिए अग्रिम का लाभ उठाने के दावों को आनलाइन भरा जाता है जिसके लिए आवश्यक है कि प्रत्येक ईपीएफ खाता पहले से ही केवाईसी अनुवर्ती हो। ईपीएफओे ने महामारी से लड़ने के लिए दावों को आनलाइन प्रस्तुत करने में सक्षम बनाते हुए केवाईसी को सरल बनाने के लिए जन्मतिथि शुद्धिकरण मानदंड में ढील दे दी है। ईपीएफओ किसी अभिदाता के आधार कार्ड में दर्ज जन्म तिथि को पीएफ रिकार्ड में जन्म तिथि के शुद्धिकरण के लिए एक वैध साक्ष्य के रूप में स्वीकार करेगा। जन्म तिथि में तीन वर्ष तक की भिन्नता के सारे मामले अब ईपीएफओ द्वारा स्वीकार किए जाते हैं।